ओरछा मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में स्थित एक ऐतिहासिक नगर है, जिसका निर्माण 16वीं शताब्दी में बुंदेला राजपूत प्रमुख राजा रुद्र प्रताप सिंह द्वारा किया गया था। यह नगर अपने समृद्ध इतिहास, स्थापत्य कला और भव्य मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है।
**इतिहास:**
1. **स्थापना और बुंदेला शासन**:
– ओरछा की स्थापना 1501 ई. में बुंदेला राजा रुद्र प्रताप सिंह ने की थी। उन्होंने ओरछा को अपनी राजधानी बनाया और यहां कई भव्य इमारतों का निर्माण कराया।
– बुंदेला राजवंश ने ओरछा पर कई शताब्दियों तक शासन किया और इस दौरान यहाँ कई महत्वपूर्ण मंदिर और महल बनाए गए।
2. **मुगल काल**:
– मुगल सम्राट अकबर के शासनकाल में, ओरछा के राजा वीर सिंह देव ने मुगलों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखे। राजा वीर सिंह देव ने ओरछा में कई महत्वपूर्ण निर्माण कार्य कराए, जिनमें जहांगीर महल प्रमुख है।
– औरंगज़ेब के शासनकाल में, ओरछा के राजा चंपतराय ने मुगलों के खिलाफ विद्रोह किया, जिसके परिणामस्वरूप ओरछा पर मुगलों का आक्रमण हुआ।
3. **मराठा और ब्रिटिश काल**:
– 18वीं शताब्दी में, ओरछा पर मराठों का आक्रमण हुआ और बाद में यह ब्रिटिश शासन के अधीन आ गया।
– ब्रिटिश काल में, ओरछा एक छोटी रियासत बनी रही, जो ब्रिटिश भारत का हिस्सा थी।
**मुख्य आकर्षण:**
1. **राम राजा मंदिर**:
– यह ओरछा का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है, जहां भगवान राम को राजा के रूप में पूजा जाता है।
2. **चतुर्भुज मंदिर**:
– यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और अपने भव्य स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है।
3. **जहांगीर महल**:
– यह महल मुगल सम्राट जहांगीर की ओरछा यात्रा के उपलक्ष्य में राजा वीर सिंह देव ने बनवाया था।
4. **राज महल**:
– यह महल ओरछा के राजाओं का निवास स्थान था और इसमें सुंदर भित्तिचित्र और कलात्मक सजावट है।
5. **लक्ष्मीनारायण मंदिर**:
– यह मंदिर देवी लक्ष्मी को समर्पित है और इसमें भव्य भित्तिचित्र और पेंटिंग्स हैं जो भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कथाओं को दर्शाते हैं।
ओरछा की ऐतिहासिक धरोहर और वास्तुकला भारतीय इतिहास और संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। अधिक जानकारी के लिए आप [Madhya Pradesh Tourism](https://www.mptourism.com) की वेबसाइट देख सकते हैं।