पत्थर चट्टा: इसका इस्तेमाल करने से 7 लाभ

पत्थर चट्टा: बहुत बहुत लाभ
पत्थर चट्टा का पौधा

राधे राधे:

पत्थर चट्टा: इसका इस्तेमाल करने से 7

पत्थर चट्टा: बहुत बहुत लाभ
पत्थर चट्टा का पौधा

लाभ

पत्थर चटा इसका इस्तेमाल करने से पेट में जमी पथरी को ठीक करता है

पत्थर चट्टा (पत्थरचट्टा) एक पौधा है जिसे आयुर्वेद में विशेष रूप से गुर्दे और पित्ताशय की पथरी के इलाज के लिए जाना जाता है। इसे “भृंगराज” या “कलांका” के नाम से भी जाना जाता है।

पत्थर चटा: बहुत बहुत लाभ
पत्थर चटा का पौधा

यह पौधा भारत और अन्य उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है और इसे अपनी पथरी को घोलने और पाचन तंत्र को सुधारने वाली विशेषताओं के लिए जाना जाता है।http://Abpnews.com

पत्थर चट्टा के पथरी के इलाज में लाभ:
1. पत्थर चटा पथरी को घोलने में सहायक
पत्थर चट्टा के पत्तों में ऐसे तत्व होते हैं जो गुर्दे और पित्ताशय की पथरी को घोलने में मदद करते हैं।

इसके नियमित सेवन से पथरी छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाती है और मूत्र मार्ग से बाहर निकल जाती है।

2. दर्द में राहत:
इसको खाने से पथरी के कारण होने वाले दर्द को कम करने में पत्थर चट्टा का सेवन काफी प्रभावी माना जाता है।http://Amar ujala.com

यह दर्द और सूजन को कम करने में मदद करता है, जिससे रोगी को राहत मिलती है।

3. मूत्रवर्धक गुण:
पत्थर चट्टा एक प्राकृतिक मूत्रवर्धक के रूप में कार्य करता है, जो मूत्र प्रवाह को बढ़ाता है और मूत्र प्रणाली से पथरी को बाहर निकालने में मदद करता है।

4. विषाक्त पदार्थों का निष्कासन:
पत्थर चट्टा शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है

जिससे गुर्दे और यकृत को स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिलती है। यह पाचन तंत्र को भी सुधारता है और पेट से संबंधित अन्य समस्याओं का समाधान करता है।

5. प्राकृतिक उपचार:
इसका  सेवन एक सुरक्षित और प्राकृतिक उपचार है। इसे ताजे पत्तों के रूप में चबाया जा सकता है, या इसके रस को पानी के साथ मिलाकर पिया जा सकता है।

यह एक प्राकृतिक उपचार है, जिसमें कोई हानिकारक दुष्प्रभाव नहीं होते।

इसका सेवन कैसे करें:
पत्थर चट्टा के पत्तों को ताजे रूप में चबाकर खाया जा सकता है या इसके रस को निकालकर पानी के साथ मिलाकर पिया जा सकता है।

इसका सेवन खाली पेट सुबह के समय करने से अधिक लाभ मिलता है। इसके अलावा, इसे चूर्ण के रूप में भी लिया जा सकता है, जो बाजार में उपलब्ध होता है।

सावधानियां:
पत्थर चट्टा का सेवन करते समय कुछ सावधानियों का पालन करना आवश्यक है:
– विशेषज्ञ की सलाह:

पत्थर चट्टा का सेवन हमेशा एक आयुर्वेदिक विशेषज्ञ या चिकित्सक की सलाह के बाद ही करना चाहिए, ताकि उचित मात्रा में इसका सेवन किया जा सके।
– गर्भवती महिलाएं:

गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन करने से पहले चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।

पत्थर चट्टा एक प्रभावी और प्राकृतिक उपाय है जो गुर्दे और पित्ताशय की पथरी के इलाज में सहायक हो सकता है।

इसका सही तरीके से और नियमित सेवन करने से पथरी के समस्या से राहत मिल सकती है।

इसका इस्तेमाल करने से हानि भी हो सकती है:

पत्थर चट्टा (जिसे वैज्ञानिक रूप से Bryophyllum  pinnatum  या Kalanchoe  pinnata के नाम से जाना जाता है) एक आयुर्वेदिक पौधा है, जो गुर्दे और पित्ताशय की पथरी सहित विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के लिए उपयोगी माना जाता है। हालांकि, इसके कई लाभ होते हैं, लेकिन कुछ मामलों में इसके संभावित हानिकारक प्रभाव भी हो सकते हैं। यहां पत्थर चट्टा के सेवन से होने वाली संभावित हानियों का उल्लेख किया गया है:

1. अधिक सेवन से विषाक्त प्रभाव:
पत्थर चट्टा का अत्यधिक सेवन करने से इसके विषाक्त प्रभाव हो सकते हैं। यह पौधा कुछ ऐसे रसायन भी प्रदान करता है जो उच्च मात्रा में सेवन करने पर हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए इसका सेवन नियंत्रित मात्रा में और चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही करना चाहिए।

2. गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए हानिकारक:
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पत्थर चट्टा का सेवन करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए। इसमें मौजूद कुछ रसायन गर्भावस्था के दौरान हानिकारक हो सकते हैं और भ्रूण के विकास को प्रभावित कर सकते हैं।

3. मूत्रवर्धक प्रभाव:
पत्थर चट्टा का मूत्रवर्धक प्रभाव होता है, जिससे बार-बार पेशाब आना स्वाभाविक है। हालांकि, अत्यधिक मूत्रवर्धक प्रभाव से शरीर में पानी की कमी हो सकती है और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन हो सकता है, जो कि गंभीर हो सकता है।

4. एलर्जी प्रतिक्रिया:
कुछ लोगों को पत्थर चट्टा से एलर्जी हो सकती है। इसके लक्षणों में खुजली, त्वचा पर लाल चकत्ते, सांस लेने में कठिनाई, और चेहरे या गले में सूजन शामिल हो सकते हैं। अगर ऐसी कोई प्रतिक्रिया होती है, तो तुरंत इसका सेवन बंद करना चाहिए और चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।

5. लंबे समय तक सेवन के प्रभाव:
पत्थर चट्टा का लंबे समय तक सेवन करने से शरीर पर इसके नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं। यह शरीर के कुछ अंगों, जैसे कि गुर्दे और यकृत पर दबाव डाल सकता है, जिससे उनके कार्य में गड़बड़ी हो सकती है।

6. दवा के साथ प्रतिक्रिया:
यदि आप किसी प्रकार की दवाएं ले रहे हैं, तो पत्थर चट्टा का सेवन करने से पहले चिकित्सक से परामर्श करें, क्योंकि यह कुछ दवाओं के साथ प्रतिक्रिया कर सकता है। विशेष रूप से, रक्तचाप, मधुमेह, या अन्य गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों के लिए दवाओं के साथ इसका सेवन करने पर सावधानी बरतनी चाहिए।

निष्कर्ष:
पत्थर चट्टा एक प्राकृतिक औषधि है और इसे उचित मात्रा में सेवन करने से विभिन्न लाभ मिल सकते हैं। हालांकि, इसके संभावित हानिकारक प्रभावों को ध्यान में रखते हुए इसका सेवन करने से पहले हमेशा एक विशेषज्ञ या आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। इससे आप इसके लाभों का सुरक्षित रूप से आनंद ले सकेंगे और इसके दुष्प्रभावों से बच सकेंगे।

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