सेब (एप्पल) के ऊपर स्टीकर लगाने के पीछे कुछ मुख्य कारण होते हैं:
1. **पहचान और ब्रांडिंग**: स्टीकर सेब की पहचान और ब्रांडिंग के लिए उपयोग किए जाते हैं। इससे यह पता चलता है कि सेब किस कंपनी या उत्पादक के द्वारा उगाया गया है। इससे ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद को पहचानने में मदद मिलती है।
2. **पीएलयू (प्राइस लुक-अप) कोड**: स्टीकर पर अक्सर पीएलयू कोड होता है, जो किराना स्टोर में कैशियर को उत्पाद की पहचान करने और उसकी सही कीमत चार्ज करने में मदद करता है। यह कोड सेब के प्रकार, आकार, और उत्पत्ति की जानकारी देता है।
3. **ट्रेसबिलिटी**: स्टीकर में सेब के उत्पत्ति के बारे में जानकारी होती है, जैसे कि कौन-सी जगह या खेत में इसे उगाया गया था। इससे खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता नियंत्रण को बनाए रखने में मदद मिलती है।
4. **जानकारी**: कभी-कभी स्टीकर पर सेब के प्रकार, उत्पादन के तरीके (जैसे कि ऑर्गेनिक या नॉन-ऑर्गेनिक) और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी होती है, जो ग्राहकों को जागरूक करने में मदद करती है।
5. **कस्टमर सुविधा**: स्टीकर से ग्राहक आसानी से सेब की पहचान कर सकते हैं, विशेषकर तब जब एक ही दुकान में कई प्रकार के सेब उपलब्ध हों।
स्टीकर आमतौर पर खाद्य-ग्रेड चिपकने वाली सामग्री से बने होते हैं, जो खाने के लिए सुरक्षित होते हैं। हालांकि, इसे खाने से पहले सेब को धोना हमेशा अच्छा होता है ताकि कोई भी अवांछित अवशेष हट सके।