लोटस टेंपल, जिसे कमल मंदिर भी कहा जाता है, नई दिल्ली में स्थित एक बहाई आस्था का पूजा स्थल है। इसका डिजाइन और वास्तुकला बेहद आकर्षक है और इसे 1986 में पूरा किया
गया था।
**खासियतें और जानकारी:**
1. **वास्तुकला**: यह मंदिर एक विशाल कमल के फूल के आकार में बना है। इसमें 27 स्वतंत्र संगमरमर की पंखुड़ियाँ हैं, जो तीन समानांतर पंक्तियों में व्यवस्थित हैं। यह फूल जैसा डिजाइन इसे विश्वभर में अद्वितीय बनाता है।
2. **धार्मिक सहिष्णुता**: लोटस टेंपल सभी धर्मों और विश्वासों के लोगों के लिए खुला है। यहाँ किसी विशेष धर्म या विश्वास के प्रचार की अनुमति नहीं है, और यह पूजा स्थल धार्मिक सहिष्णुता और एकता का प्रतीक है।
3. **आर्किटेक्ट**: इस मंदिर को ईरानी वास्तुकार फरिबुर्ज़ सहबा ने डिजाइन किया है। इसके निर्माण में सफेद संगमरमर का उपयोग किया गया है, जो ग्रीस से मंगाया गया था।
4. **वातावरण**: मंदिर के चारों ओर के नौ तालाब और बगीचे इसे एक शांतिपूर्ण और मनोहारी वातावरण प्रदान करते हैं।
5. **पुरस्कार**: लोटस टेंपल ने अपने अद्वितीय डिजाइन और निर्माण के लिए कई वास्तुकला पुरस्कार जीते हैं। इसे कई अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं और लेखों में भी प्रकाशित किया गया है।
6. **पर्यटन स्थल**: यह मंदिर दिल्ली के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है और यहाँ प्रतिवर्ष लाखों पर्यटक आते हैं। इसका शांतिपूर्ण वातावरण और सुंदरता इसे विशेष बनाते हैं।
लोटस टेंपल न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि एक वास्तुशिल्पीय चमत्कार भी है, जो धार्मिक सहिष्णुता और शांति का संदेश देता है।
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